5 किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत । 5kw solar system Price: आज के समय में बिजली की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे आम लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। भारत में बिजली की दरें अलग-अलग होती हैं, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग, शहरी क्षेत्रों के लिए अलग, खेती के लिए अलग, और व्यवसायिक उपयोग के लिए अलग। वर्तमान में, बिजली की दरें 6.5 रुपये प्रति यूनिट से लेकर 18-20 रुपये प्रति यूनिट तक हो सकती हैं। इसके अलावा, कई क्षेत्रों में बिजली कटौती (Power Cut) की समस्या भी गंभीर हो गई है, जिससे घरों और व्यवसायों को बड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।
इन चुनौतियों से निपटने का एक प्रभावी तरीका है अपने घर या व्यवसाय में सोलर सिस्टम (Solar System) लगाना। सोलर ऊर्जा न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह आपकी बिजली के खर्च को भी काफी कम कर सकती है। अधिकांश परिवार 3 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगाते हैं, लेकिन कुछ परिवारों की जरूरतें इतनी अधिक होती हैं कि उन्हें 5 किलोवाट सोलर पावर प्लांट लगाने की आवश्यकता पड़ती है।
Model | 5kW Solar Price |
5kW On-grid solar system | Rs. 3,55,500 Onwards* |
5kW Off-grid solar system | Rs. 3,50,000 |
5kW Hybrid solar system | Rs. 7,50,000 |
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अब सवाल यह उठता है कि 5 किलोवाट सोलर पैनल से प्रतिदिन कितनी बिजली उत्पन्न हो सकती है? यह जानना आपके लिए महत्वपूर्ण है, ताकि आप सही निर्णय ले सकें कि क्या यह आपके घर या व्यवसाय की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर पाएगा। सोलर सिस्टम आपके बिजली बिल को कम करने के साथ-साथ, आपको बिजली कटौती जैसी समस्याओं से भी राहत दिला सकता है। यह एक दीर्घकालिक समाधान है जो आपके जीवन को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बना सकता है।
सोलर सिस्टम कितने किलोवाट का लगाना चाहिए?
अगर आप अपने घर में पानी की मोटर, एसी जैसी भारी उपकरणों को सोलर एनर्जी (Solar Energy) से चलाना चाहते हैं, तो आपको 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम (5KW Solar System) लगाने की जरूरत हो सकती है।आप 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम बड़े घरों, ऑफिसों और दुकानों में आसानी से लगा सकते हैं। यह खासकर उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जिनके यहाँ अक्सर पावर कट की समस्या होती है। इस सिस्टम को लगाने के बाद आप बिजली के मामले में काफी हद तक आत्मनिर्भर हो सकते हैं और बिजली के बिल में भी बचत कर सकते हैं।
आइए जानते हैं 5 किलोवाट सोलर सिस्टम की कुछ खास बातें:
- इसे लगाने से आप एसी, मोटर और अन्य बड़े उपकरण आसानी से चला सकते हैं।
- यह पावर कट के दौरान भी लगातार बिजली की आपूर्ति कर सकता है।
- बड़े घर, ऑफिस और दुकानों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।
क्या होता है 5 किलोवाट का मतलब ? (What is the meaning of 5kW?)
5 किलोवाट का मतलब है कि यह सोलर सिस्टम 5000 वाट की सोलर ऊर्जा उत्पन्न करता है। आमतौर पर बिजली की खपत को वाट और वोल्ट में मापा जाता है। बिजली का फार्मूला है पावर = करंट * वोल्टेज। इसमें 1000 वाट को 1 किलोवाट या 1 यूनिट कहा जाता है। अगर आप 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि यह आपके लिए सही है या नहीं। इसके लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:
विकल्प 1: अपने बिजली बिल पर Sanctioned load (स्वीकृत लोड) देखें। यह आपके बिजली बोर्ड द्वारा दिया गया कनेक्शन होता है, जो आमतौर पर 3 या 5 किलोवाट का होता है।
विकल्प 2: आप किसी ऑनलाइन लोड कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे हर उपकरण की बिजली खपत का अंदाजा लग सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल हो सकती है, इसलिए इसे करने की सलाह नहीं दी जाती है।
विकल्प 3: अगर आपके पास क्लैंप मीटर है, तो इससे आप अपने उपकरणों की मैक्सिमम, मिनिमम और औसत बिजली खपत को आसानी से माप सकते हैं। इससे आप अपने सोलर सिस्टम की जरूरत को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
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5 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर कितने एप्लायंसेज चलाए जा सकते हैं?
5 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर कितने उपकरण चल सकते हैं, यह एक आम सवाल है जो ग्राहकों के मन में आता है। कई लोग मानते हैं कि इससे आप घर के सभी उपकरण चला सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। सोलर सिस्टम के काम करने का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का सोलर सिस्टम उपयोग कर रहे हैं। आइए इसे समझते हैं:
केस 1: अगर आप ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम का चयन करते हैं, तो 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर आप अपने घर के लगभग सभी उपकरण चला सकते हैं। इस सिस्टम में स्ट्रिंग इन्वर्टर सीधा बिजली के मीटर से जुड़ा होता है, जिससे आपकी बिजली की जरूरतें पूरी हो जाती हैं।
केस 2: अगर आप बैटरी बैंक वाला सोलर सिस्टम चुनते हैं, तो आप 5 किलोवाट के सोलर इन्वर्टर पर लगभग 80% से 95% यानी 4000 से 4500 वाट तक लोड चला सकते हैं। हालांकि, बेहतर प्रदर्शन के लिए हम आपको 80% लोड यानी 4000 वॉट तक का उपयोग करने की सलाह देंगे।
सोलर सिस्टम खरीदते समय हम आपको सलाह देते हैं कि आप उच्च रेटिंग वाले उपकरण जैसे कि 5-स्टार रेटिंग वाले इन्वर्टर एसी, बीएलडीसी फैन, सेंसर बल्ब, और पावर सेविंग रेफ्रिजरेटर का उपयोग करें ताकि ऊर्जा की बचत हो और सिस्टम की क्षमता का पूरा फायदा उठाया जा सके।
5 KW सोलर सिस्टम पर कितनी सब्सिडी मिलती है?
अगर आप अपने घर में 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाने की योजना बना रहे हैं और सब्सिडी की जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपको यह समझना जरूरी है कि सब्सिडी केवल ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर ही मिलती है। ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम पर सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती है।
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। इस योजना के अंतर्गत, अगर आप 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता का सोलर पैनल अपने घर में लगाते हैं, तो आपको सरकार की ओर से अधिकतम 60% तक की सब्सिडी मिल सकती है। 5 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट पर जो सब्सिडी दी जाती है, वह 78,000 रुपए तक हो सकती है। इसका मतलब है कि यदि आप अपने घर में 5 किलोवाट का ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो आपको 78,000 रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे आपके सोलर सिस्टम की कुल लागत में काफी कमी आ जाएगी।
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का लाभ यह है कि यह सिस्टम सीधे आपके बिजली के मीटर से जुड़ा होता है। इसके जरिए, जब आपके सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली आपके घर की जरूरत से ज्यादा हो जाती है, तो वह बिजली ग्रिड में भेज दी जाती है और आपको इसके बदले क्रेडिट मिलता है। इससे आपके बिजली बिल में भी कमी आती है और आपको सोलर एनर्जी से स्थायी रूप से फायदा होता है।अगर आप सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप ऑन-ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम का ही चयन करें, क्योंकि ऑफ-ग्रिड सिस्टम पर सब्सिडी नहीं मिलती।
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सोलर सब्सिडी का लाभ
सोलर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आपको कुछ जरूरी योग्यताएं और नियमों का पालन करना होगा। यहाँ पर इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है:
1. सब्सिडी का लाभ केवल घरेलू उपभोक्ताओं (Domestic Consumers) को मिलता है। व्यापारिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलती है।
2. आपको ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का होना चाहिए।
3. आपका सैनction लोड 10 किलोवाट (kW) से अधिक नहीं होना चाहिए।
4. 3 किलोवाट (kW) के ग्रिड सोलर सिस्टम पर केन्द्र सरकार द्वारा 58,352 रुपए की सब्सिडी मिलती है। कुछ राज्यों में, पूरे सोलर सिस्टम पर 30,000 रुपए की सब्सिडी भी दी जाती है। इस तरह, आपको कुल मिलाकर 58,352 से 88,352 रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है।
5. आपको ध्यान रखना होगा कि सोलर प्रोजेक्ट की पूरी लागत आपको स्वयं ही उठानी होगी।
6. नेट मीटरिंग के बाद, आपकी सब्सिडी राशि आपके बैंक खाते में 30-60 दिनों के भीतर जमा कर दी जाएगी।
इन नियमों का पालन करके आप सोलर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं और अपनी सोलर एनर्जी परियोजना को किफायती बना सकते हैं।
5 किलोवाट के सोलर सिस्टम में कितनी बैटरी लगती है?
5 किलोवाट के ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। आजकल बाजार में कई तरह की बैटरियां उपलब्ध हैं, जैसे:
- प्राइमरी बैटरी (Use & Throw)
- रिचार्जेबल बैटरी जैसे ड्राई सेल और लीड एसिड बैटरी
- लिथियम आयन बैटरी
आप अपनी जरूरत के अनुसार इन विकल्पों में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। वर्तमान में, “CAML 10048 5KWH लिथियम बैटरी” सबसे अच्छा विकल्प है। यह बैटरी नई तकनीकों से लैस है और इसकी क्षमता 4 सामान्य बैटरियों के बराबर होती है। इस एक बैटरी से आप अपने 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम को आसानी से चला सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह बैटरी 5 स्टार रेटिंग वाली है और इसे कम रखरखाव की जरूरत होती है और यह ज्यादा जगह भी नहीं घेरती है। इस तरह, एक ही लिथियम बैटरी से आप अपने सोलर सिस्टम को सुचारू रूप से चला सकते हैं।
5 किलोवाट सोलर सिस्टम की लागत क्या है?
आजकल, 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम आमतौर पर ₹58,000 से ₹60,000 प्रति किलोवाट के बीच आता है। यह कीमत आपके द्वारा चुने गए सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर, और अन्य उपकरणों पर निर्भर करती है। यदि आप सोलर बैटरी या लिथियम आयन बैटरी भी शामिल करते हैं, तो लागत बढ़ सकती है।सोलर सिस्टम की लागत खरीदने से पहले समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह आपके बजट और ज़रूरतों के आधार पर बदल सकता है। हर ग्राहक की जरूरतें अलग होती हैं, इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि आप पहले सोलर प्रोफेशनल्स से सलाह लें। वे आपकी सही सोलर सिस्टम का चयन करने में मदद करेंगे और बजट बनाने में भी सहारा देंगे।
अगर बजट की चिंता है, तो सोलर लोन के विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिनसे आपकी आर्थिक दिक्कतें हल हो सकती हैं। सोलर लोन की मदद से आप आसानी से अपनी सोलर परियोजना को साकार कर सकते हैं और भविष्य में बिजली के बिलों में राहत पा सकते हैं। याद रखें, सोलर सिस्टम एक लंबी अवधि की निवेश है जो आपकी जिंदगी को सवस्थ और सुखद बना सकती है। इसलिए, सोच-समझ कर कदम उठाएं और अपने सपनों को साकार करने में मदद प्राप्त करें।
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FAQ’s
Q. 5 किलोवाट सोलर सिस्टम कितनी बिजली उत्पन्न करता है?
Ans. यह सिस्टम प्रतिदिन लगभग 20-25 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है, जो आपके घरेलू या व्यवसायिक उपयोग के लिए पर्याप्त हो सकता है।
Q. 5 किलोवाट सोलर सिस्टम की लागत क्या है?
Ans. इसकी लागत आमतौर पर ₹2,90,000 से ₹3,00,000 तक होती है, जिसमें पैनल, इन्वर्टर, और अन्य उपकरण शामिल हैं।
Q. सोलर सिस्टम पर कितनी सब्सिडी मिलती है?
Ans. ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर आपको अधिकतम 60% तक की सब्सिडी मिल सकती है, जो 5 किलोवाट सिस्टम पर ₹78,000 तक हो सकती है।
Q. सोलर सिस्टम में कितनी बैटरी लगती है?
Ans. 5 किलोवाट ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में आमतौर पर 1 लिथियम आयन बैटरी या 4 सामान्य बैटरियां लगती हैं।
Q. सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?
Ans. यह सोलर पैनल द्वारा सूर्य की किरणों को बिजली में बदलता है, जिसे इन्वर्टर के माध्यम से घरेलू उपयोग के लिए परिवर्तित किया जाता है।